एक बैकयार्ड/छोटे पोल्ट्री किसान अंडे, दूध और/या मांस उत्पादन के उद्देश्य से विभिन्न प्रकार के घरेलू पक्षियों के साथ-साथ बकरियों/सूअर जैसे जानवरों को पालता या उनकी देखभाल करता है। वे रेशम उत्पादन और मधुमक्खी कालोनियों के प्रबंधन के लिए भी जिम्मेदार हो सकते हैं।
व्यक्तिगत क्षमताएं
आप शारीरिक रूप से स्वस्थ हों।
आप दूसरों के साथ संवाद करने में सहज हों।
आप काम करते समय विवरण पर ध्यान देते हों।
आप बागवानी पसंद करते हों।
प्रवेश मार्ग
न्यूनतम योग्यता कक्षा 8 पूरी करने और 18 वर्ष की आयु होने के बाद आप किसान: बैकयार्ड/छोटे पोल्ट्री किसान/बकरी किसान/सुअर पालन/मेरीकल्चर/सेरीकल्चर/मधुमक्खी पालन के लिए नेशनल स्किल्स क्वालिफिकेशन फ्रेमवर्क (एन.एस.क्यू.एफ.)* लेवल 4 हेतु नामांकन करवा सकते हैं।
*एन.एस.क्यू.एफ. एक राष्ट्रीय स्तर पर एकीकृत शिक्षा और योग्यता-आधारित ढांचा है जो व्यक्तियों को चुने हुए क्षेत्र में वांछित योग्यता स्तर प्राप्त करने में सक्षम बनाता है। एन.एस.क्यू.एफ. में व्यावसायिक शिक्षा, व्यावसायिक प्रशिक्षण, सामान्य शिक्षा और तकनीकी शिक्षा शामिल है जो किसी भी व्यक्ति के कौशल को विकसित करते हए जॉब मार्केट के लिए तैयार करती है। एक व्यक्ति अनुभव प्राप्त करने के बाद कौशल को अपग्रेड करने के लिए किसी भी समय वापस आ सकता है।
(इन छात्रवृत्तियों की उपलब्धता समय-समय पर भिन्न हो सकती है।)
आप कहाँ पर कार्य करेंगे
कार्यस्थल: उद्योग जैसे बकरी पालन, मुर्गी पालन, सुअर पालन, मेरिकल्चर, रेशम उत्पादन, मधुमक्खी पालन इकाइयां आदि।
उद्यमिता: आप थोक विक्रेताओं से अनुबंध (contract) प्राप्त कर सकते हैं और अपने उत्पादों को सीधे उन्हें बेच सकते हैं।
काम का माहौल: आपको कम से कम 8 - 9 घंटे और हफ्ते में 5 - 6 दिन काम करना होगा। शिफ्ट ड्यूटी हो सकती है। ओवरटाइम करना आम बात है।
इस क्षेत्र में दिव्यांगों के लिए काम के अवसर मौजूद हैं।
किस प्रकार तरक्की कर सकते हैं
किसान → फार्म प्रबंधक (स्तर 5)
अपेक्षाकृत वेतन
एक किसान का वेतन: बैकयार्ड/ छोटे पोल्ट्री की लगभग आय 7,000 - 10,000 रूपये* प्रति माह के बीच है।
स्रोत: https://bit.ly/3KBGszY *एन.सी.एस. से ली गयी उपरोक्त आय सांकेतिक है और परिवर्तन के अधीन है।
फील्ड के कुछ अनुभव
यान सिंह बरमाड़ी गांव के रहने वाले हैं। उनके परिवार को कठिनाई का सामना करना पड़ रहा था क्योंकि यान सिंह एक भयानक दुर्घटना का शिकार हो गए और अपनी आजीविका के लिए दिहाड़ी मजदूर के रूप में काम करने में पूरी तरह से असमर्थ थे। उन्होंने कृषि पर प्रशिक्षण योजना में गहरी रुचि दिखाई और सुंदरनगर (मंडी) में एक पोल्ट्री फार्म में मुर्गी पालन में 7 दिनों के प्रशिक्षण कोर्स में भाग लिया। उन्होंने सरकार द्वारा दी गई प्रारंभिक वित्तीय सहायता से पर्याप्त प्रकाश व्यवस्था के साथ एक पक्का (स्थायी) हवादार शेड का निर्माण किया। इसके बाद यान चूजों, पक्षियों और मुर्गे के चारे को लेकर आये और अपना पोल्ट्री फार्म शुरू किया। पोल्ट्री से होने वाली आय ने यान सिंह को भविष्य में पोल्ट्री पालन को अपने प्रोफ़ेशन के रूप में अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया है। वे मुनाफे का पुनर्निवेश करना चाहते हैं और कृषि कार्यों का विस्तार करना चाहते हैं। यान सिंह द्वारा योजना के सफल क्रियान्वयन ने अन्य निवासी परिवारों का ध्यान आकर्षित किया है जो पहले इस प्रोफ़ेशन से अनजान थे।*
किसान: बैकयार्ड/छोटे पोल्ट्री किसान/बकरी किसान/सुअर पालन/मेरीकल्चर/सेरीकल्चर/मधुमक्खी पालन
NCS Code: 6122.0200 | V093न्यूनतम योग्यता
कक्षा 8 पूरी करने और 18 वर्ष की आयु होने के बाद आप किसान: बैकयार्ड/छोटे पोल्ट्री किसान/बकरी किसान/सुअर पालन/मेरीकल्चर/सेरीकल्चर/मधुमक्खी पालन के लिए नेशनल स्किल्स क्वालिफिकेशन फ्रेमवर्क (एन.एस.क्यू.एफ.)* लेवल 4 हेतु नामांकन करवा सकते हैं।
*एन.एस.क्यू.एफ. एक राष्ट्रीय स्तर पर एकीकृत शिक्षा और योग्यता-आधारित ढांचा है जो व्यक्तियों को चुने हुए क्षेत्र में वांछित योग्यता स्तर प्राप्त करने में सक्षम बनाता है। एन.एस.क्यू.एफ. में व्यावसायिक शिक्षा, व्यावसायिक प्रशिक्षण, सामान्य शिक्षा और तकनीकी शिक्षा शामिल है जो किसी भी व्यक्ति के कौशल को विकसित करते हए जॉब मार्केट के लिए तैयार करती है। एक व्यक्ति अनुभव प्राप्त करने के बाद कौशल को अपग्रेड करने के लिए किसी भी समय वापस आ सकता है।
सरकारी संस्थान
1. राष्ट्रीय कौशल विकास निगम (एन.एस.डी.सी.): https://www.nsdcindia.org/find-nsdc-training-centre लिंक पर जाएँ।
2. जन शिक्षण संस्थान (जे.एस.एस.): https://nsdcindia.org/find-nsdc-training-centre-jss/ लिंक पर जाएँ।
3. एन.आई.ओ.एस. प्रशिक्षण केंद्र: https://voc.nios.ac.in/registration/locate-study-centre लिंक पर जाएँ।
4. एन.एस.क्यू.एफ. केंद्रों की सूची: https://www.aicteindia.org/sites/default/files/Vocational%20institutions%20272%20recommended%20AY%202020-21.pdf लिंक पर जाएँ।
अधिकांश सरकारी योजनाएँ मुफ़्त हैं।
छात्रवृत्ति
• NSP के साथ पंजीकृत ITI के विवरण के लिए राष्ट्रीय छात्रवृत्ति पोर्टल: https://www.scholarships.gov.in/fresh/onlineInstituteSearchIndex लिंक पर देखें।
• आई.टी.आई./व्यावसायिक प्रशिक्षण के लिए छात्रवृत्ति के विवरण के लिए https://www.buddy4study.com या https://www.buddy4study.com/article/iti-scholarships लिंक पर देखें।
(इन छात्रवृत्तियों की उपलब्धता समय-समय पर भिन्न हो सकती है।)
कार्यस्थल: उद्योग जैसे बकरी पालन, मुर्गी पालन, सुअर पालन, मेरिकल्चर, रेशम उत्पादन, मधुमक्खी पालन इकाइयां आदि।
उद्यमिता: आप थोक विक्रेताओं से अनुबंध (contract) प्राप्त कर सकते हैं और अपने उत्पादों को सीधे उन्हें बेच सकते हैं।
काम का माहौल: आपको कम से कम 8 - 9 घंटे और हफ्ते में 5 - 6 दिन काम करना होगा। शिफ्ट ड्यूटी हो सकती है। ओवरटाइम करना आम बात है।
इस क्षेत्र में दिव्यांगों के लिए काम के अवसर मौजूद हैं।
किसान → फार्म प्रबंधक (स्तर 5)
एक किसान का वेतन: बैकयार्ड/ छोटे पोल्ट्री की लगभग आय 7,000 - 10,000 रूपये* प्रति माह के बीच है।
स्रोत: https://bit.ly/3KBGszY
*एन.सी.एस. से ली गयी उपरोक्त आय सांकेतिक है और परिवर्तन के अधीन है।
फील्ड के कुछ अनुभव
यान सिंह बरमाड़ी गांव के रहने वाले हैं। उनके परिवार को कठिनाई का सामना करना पड़ रहा था क्योंकि यान सिंह एक भयानक दुर्घटना का शिकार हो गए और अपनी आजीविका के लिए दिहाड़ी मजदूर के रूप में काम करने में पूरी तरह से असमर्थ थे। उन्होंने कृषि पर प्रशिक्षण योजना में गहरी रुचि दिखाई और सुंदरनगर (मंडी) में एक पोल्ट्री फार्म में मुर्गी पालन में 7 दिनों के प्रशिक्षण कोर्स में भाग लिया। उन्होंने सरकार द्वारा दी गई प्रारंभिक वित्तीय सहायता से पर्याप्त प्रकाश व्यवस्था के साथ एक पक्का (स्थायी) हवादार शेड का निर्माण किया। इसके बाद यान चूजों, पक्षियों और मुर्गे के चारे को लेकर आये और अपना पोल्ट्री फार्म शुरू किया। पोल्ट्री से होने वाली आय ने यान सिंह को भविष्य में पोल्ट्री पालन को अपने प्रोफ़ेशन के रूप में अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया है। वे मुनाफे का पुनर्निवेश करना चाहते हैं और कृषि कार्यों का विस्तार करना चाहते हैं। यान सिंह द्वारा योजना के सफल क्रियान्वयन ने अन्य निवासी परिवारों का ध्यान आकर्षित किया है जो पहले इस प्रोफ़ेशन से अनजान थे।*
स्रोत: https://www.manage.gov.in/cfa/successstories/
*उपरोक्त जानकारी केवल प्रशिक्षण के उद्देश्य से है और इसका उपयोग किसी व्यावसायिक लाभ के लिए नहीं किया जाएगा।
पशु खेती, खेती की नौकरी, कृषि