फर्नीचर बनाने के लिए बढ़ईगीरी एक कुशल व्यापार है जिसमें अंतिम उत्पाद बनाने के लिए विभिन्न कम्पोनेंट्स को एक साथ काटने, आकार देने और स्थापित करने का प्राथमिक कार्य किया जाता है। एक सहायक बढ़ई को फर्नीचर के विभिन्न हिस्सों को बनाने और फर्नीचर के विभिन्न हिस्सों को जोड़ने में बढ़ई की सहायता करने की आवश्यकता होती है। एक सहायक कारपेंटर को पूरी प्रक्रिया में उपयोग किए जाने वाले औजारों को बनाए रखने का काम भी सौंपा जाता है।
व्यक्तिगत क्षमताएं
आप शारीरिक रूप से स्वस्थ हों।
आप अनुसरण करने के लिए स्पष्ट निर्देश चाहते हों।
आप काम करते समय विवरण पर ध्यान देते हों।
प्रवेश मार्ग
न्यूनतम योग्यता कक्षा 8 पूरी करने और 18 वर्ष की आयु होने के बाद आप सहायक बढ़ई - लकड़ी के फर्नीचर प्रशिक्षण के लिए नेशनल स्किल्स क्वालिफिकेशन फ्रेमवर्क (एन.एस.क्यू.एफ.)* लेवल 3 हेतु नामांकन करवा सकते हैं।
*एन.एस.क्यू.एफ. एक राष्ट्रीय स्तर पर एकीकृत शिक्षा और योग्यता-आधारित ढांचा है जो व्यक्तियों को चुने हुए क्षेत्र में वांछित योग्यता स्तर प्राप्त करने में सक्षम बनाता है। एन.एस.क्यू.एफ. में व्यावसायिक शिक्षा, व्यावसायिक प्रशिक्षण, सामान्य शिक्षा और तकनीकी शिक्षा शामिल है जो किसी भी व्यक्ति के कौशल को विकसित करते हए जॉब मार्केट के लिए तैयार करती है। एक व्यक्ति अनुभव प्राप्त करने के बाद कौशल को अपग्रेड करने के लिए किसी भी समय वापस आ सकता है।
प्रीति, एक युवा लड़की के रूप में अपने पिता को ध्यान से देखती और उनसे सीखती थीं। उन्हें बढ़ईगीरी में बहुत दिलचस्पी थी और वे देखते ही सब कुछ सीख लिया कटी थीं। 20 साल की उम्र में प्रीति ने अपनी पहली अलमारी बनाई, जिसे बेचने में भी उन्होंने कामयाबी हासिल की। प्रीति ने अपना पहला वर्कशॉप 2014 में शुरू किया था और वहाँ वे अकेली महिला असिस्टेंट कारपेंटर थीं। स्किल इंडिया मिशन के तहत व्यवसाय विकास में प्रशिक्षित, अब वे किसी दिन एक बड़ा शोरूम खोलने का सपना देखती है। आज प्रीति अपने सीखे हुनर का इस्तेमाल कर रही हैं, जिससे उनका कारोबार लगातार बढ़ रहा है। प्रीति अपने कार्यस्थल पर अभी भी व्याप्त लैंगिक भेदभाव से बहुत नाराज हो जाती है और उनकी राय है कि हर कोई किसी भी काम में सक्षम हो सकता है। वे किसी भी काम को छोटा या बड़ा नहीं मानती हैं। उनका कहना है- सफल होने के लिए, व्यक्ति को बस अपने सपनों का पीछा करना चाहिए और कड़ी मेहनत करके उसे पूरा करना चाहिए।*
सहायक बढ़ई – लकड़ी का फर्नीचर
NCS Code: लागु नहीं | V076न्यूनतम योग्यता
कक्षा 8 पूरी करने और 18 वर्ष की आयु होने के बाद आप सहायक बढ़ई - लकड़ी के फर्नीचर प्रशिक्षण के लिए नेशनल स्किल्स क्वालिफिकेशन फ्रेमवर्क (एन.एस.क्यू.एफ.)* लेवल 3 हेतु नामांकन करवा सकते हैं।
*एन.एस.क्यू.एफ. एक राष्ट्रीय स्तर पर एकीकृत शिक्षा और योग्यता-आधारित ढांचा है जो व्यक्तियों को चुने हुए क्षेत्र में वांछित योग्यता स्तर प्राप्त करने में सक्षम बनाता है। एन.एस.क्यू.एफ. में व्यावसायिक शिक्षा, व्यावसायिक प्रशिक्षण, सामान्य शिक्षा और तकनीकी शिक्षा शामिल है जो किसी भी व्यक्ति के कौशल को विकसित करते हए जॉब मार्केट के लिए तैयार करती है। एक व्यक्ति अनुभव प्राप्त करने के बाद कौशल को अपग्रेड करने के लिए किसी भी समय वापस आ सकता है।
सरकारी संस्थान
1. राष्ट्रीय कौशल विकास निगम (एन.एस.डी.सी.): https://www.nsdcindia.org/find-nsdc-training-centre लिंक पर जाएँ।
2. जन शिक्षण संस्थान (जे.एस.एस.): https://nsdcindia.org/find-nsdc-training-centre-jss/ लिंक पर जाएँ।
3. एन.आई.ओ.एस. प्रशिक्षण केंद्र: https://voc.nios.ac.in/registration/locate-study-centre लिंक पर जाएँ।
4. एन.एस.क्यू.एफ. केंद्रों की सूची: https://www.aicteindia.org/sites/default/files/Vocational%20institutions%20272%20recommended%20AY%202020-21.pdf लिंक पर जाएँ।
अधिकांश सरकारी योजनाएँ मुफ़्त हैं।
छात्रवृत्ति
• NSP के साथ पंजीकृत ITI के विवरण के लिए राष्ट्रीय छात्रवृत्ति पोर्टल: https://www.scholarships.gov.in/fresh/onlineInstituteSearchIndex लिंक पर देखें।
• आई.टी.आई./व्यावसायिक प्रशिक्षण के लिए छात्रवृत्ति के विवरण के लिए https://www.buddy4study.com या https://www.buddy4study.com/article/iti-scholarships लिंक पर देखें।
(इन छात्रवृत्तियों की उपलब्धता समय-समय पर भिन्न हो सकती है।)
कार्यस्थल: फर्नीचर एजेंसियां, वुडवर्क एजेंसियां, फर्नीचर शोरूम, फर्नीचर बनाने के कारखाने आदि।
काम का माहौल: आपको कम से कम 8 - 9 घंटे और हफ्ते में 5 - 6 दिन काम करना होगा। शिफ्ट ड्यूटी हो सकती है। ओवरटाइम करना आम बात है।
इस क्षेत्र में दिव्यांगों के लिए काम के अवसर मौजूद हैं।
सहायक → सहायक बढ़ई - लकड़ी का फर्नीचर → बढ़ई - लकड़ी का फर्नीचर
एक सहायक बढ़ई- लकड़ी का फर्नीचर की लगभग आय 12,000 - 23,570* प्रति माह के बीच होती है।
स्रोत: https://in.indeed.com/career/carpenter-helper/salaries
*उपरोक्त आय सांकेतिक है और परिवर्तन के अधीन है।
फील्ड के कुछ अनुभव
प्रीति, एक युवा लड़की के रूप में अपने पिता को ध्यान से देखती और उनसे सीखती थीं। उन्हें बढ़ईगीरी में बहुत दिलचस्पी थी और वे देखते ही सब कुछ सीख लिया कटी थीं। 20 साल की उम्र में प्रीति ने अपनी पहली अलमारी बनाई, जिसे बेचने में भी उन्होंने कामयाबी हासिल की। प्रीति ने अपना पहला वर्कशॉप 2014 में शुरू किया था और वहाँ वे अकेली महिला असिस्टेंट कारपेंटर थीं। स्किल इंडिया मिशन के तहत व्यवसाय विकास में प्रशिक्षित, अब वे किसी दिन एक बड़ा शोरूम खोलने का सपना देखती है। आज प्रीति अपने सीखे हुनर का इस्तेमाल कर रही हैं, जिससे उनका कारोबार लगातार बढ़ रहा है। प्रीति अपने कार्यस्थल पर अभी भी व्याप्त लैंगिक भेदभाव से बहुत नाराज हो जाती है और उनकी राय है कि हर कोई किसी भी काम में सक्षम हो सकता है। वे किसी भी काम को छोटा या बड़ा नहीं मानती हैं। उनका कहना है- सफल होने के लिए, व्यक्ति को बस अपने सपनों का पीछा करना चाहिए और कड़ी मेहनत करके उसे पूरा करना चाहिए।*
स्रोत: https://yourstory.com/socialstory/2022/04/woman-successful-entrepreneur-village-monday-motivation
*उपरोक्त जानकारी केवल प्रशिक्षण उद्देश्यों के लिए है और इसका उपयोग किसी व्यावसायिक लाभ के लिए नहीं किया जाएगा।
बढ़ई का काम, लकड़ी का काम, सहायक बढ़ई